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किस लिए रोते हो मुक़द्दर के लिए

मेरे पूज्य पिता स्व० श्री लाल दस ठाकुर 'पंकज' द्वारा लिखित एवं प्रकाशित ग़ज़ल संग्रह "फसिहात ओ खुराफ़ात"  अर्थात् मधुर वाणी व बकवाद  से उधृत:  

iksa ilae raoto hao Aba makdd\r ko ilae

[sa jahaM maoM hr  kao[-  baotaba hO ja,r ko ilae .
saaocata hO hr baSar1 isa-f Apnao hI Gar ko ilae..

haqa Qaao kr pD, gae pICo kuC eosao eohlao husna2.
gaaoyaa Kasa [nAama rKa hao maoro sar ko ilae..

k,ailaba e [nsaaM3 maoM hma nao jaao kmaayaa ]ma` Bar .
kuC [sa Gar ko ilae hO kuC hO ]sa Gar ko ilae..

@yaa Ajaba4 jaao kaT Dalaogaa iksaI idna tU [sao.
yah tao gad-na hI banaI hO toro Knjar ko ilae ..

hr trf hO toja, naaoiklao  yao kaMTo doK  laao .
[na sao pD,ta hO ]laJanaa gaMucaaetr 5 ko ilae..

Sao’r khnao kao tao  khto hao  magar maalaUma  hO.
maga,ja, iktnaa caaihe [k imasa/aetr6 ko ilae..

imala nahIM sakta khIM Aabao hyaat7 [sa daOr  maoM.
maO sao jaInao ka majaa laoto hOM Saba8 Bar ko  ilae..
          
kama kuC ipClao janama maoM kr ilae haoto Balao.
iksa ilae raoto hao ‘pMkja’9 Aba makdd\r ko ilae..
           

- o -




1 manauYya  2  saundr laaoga  3 manauYya yaaonaI   4 ivasmaya nahIM  5 tajaa klaI   6 vaRt ka ek saundr pd  7 AmaRt   8 rat   9 yah maora kavyaaqa- naama hO  .

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