तेरी तस्वीर बना बैठे (ओंकार ठाकुर) बिगड़ी तकदीर बनानी थी, तेरी तस्वीर बना बैठे | आज़ाद किया था तूने हमें, हम ज़ंजीर बना बैठे | वादा किया था तुझ से, तुझ को भूल जाने का, या खुदा, बेख़ुदी में हम, क्या फिर बना बैठे | कागज़ बना कर भूली हुई, खोई हुई यादों का | आँख के पानी में घोला, रंग अपनी फर्यदों का | बन गए सब रंग, लाऊं कहाँ से ...
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